उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में 130 स्कूल बच्चों समेत 155 लोगों के आधी रात को जंगल में फंसने हड़कंप मच गया. घटना की सूचना लगते ही जिले के डीएम ने तुरंत इलाके के एसडीएम को फोन घुमाया और मौके पर पहुंचने के निर्देश दिए.
दरअसल, गोंडा जिले के कतर्नियाघाट जंगल में शनिवार की रात स्कूल के बच्चे फंस गए. 130 छात्रों समेत कुल 155 लोग तीन बसों से नेपाल घूमने जा रहे थे.
गोण्डा जिले से बहराइच के कतर्नियाघाट जंगल इलाके में टूर करने पहुंचे तकरीबन 155 स्कूली बच्चे और स्टाफ शनिवार को जंगल में फंस गए. सूचना पाने के बाद डीएम के निर्देश पर मौके पर पहुंचे एसडीएम मोतीपुर ने देर रात सभी स्कूली बच्चों को जंगल से बाहर निकलवाया. बता दें कि गोंडा जिले के धानेपुर से न्यू स्टेंडर्ड प्रशिक्षण संस्थान से कक्षा 1 से 8 तक के 130 स्कूली बच्चों को लेकर स्टाफ बहराइच के घने कतर्नियाघाट के जंगलों में के बीच पहुंचा था.
बच्चों को घूमाने के लिए नेपाल ले जाया जा रहा था. लेकिन देर शाम हो जाने की वजह से नेपाल में स्कूली वाहनों को प्रवेश नहीं दिया गया. जिसकी वजह से तीन बसों पर सवार सभी स्कूली बच्चों को लेकर स्कूल का स्टाफ वापस जंगलों के बीच पहुंचा. सुनसान बियाबान जंगल के बीच बिछिया स्टेशन पर डेरा डाल दिया. चूंकि कतर्नियाघाट का जंगल काफी बड़ा होने की वजह से रात के समय वाहनों की आवाजाही को रोक दिया जाता है, लिहाजा स्कूली बच्चे भी बीच जंगलों में फंसे रहे.घने जंगल के बीच स्कूली बच्चों के फंसे होने की जानकारी जैसे ही जिलाधिकारी मोनिका रानी को मिली. उन्होंने मोतीपुर एसडीएम को देर रात मौके पर भेजा. देर रात स्कूली बच्चों के पास पहुंचे एसडीएम संजय कुमार ने स्टाफ के लोगों को जमकर फटकार लगाई. तत्काल जंगल के बीच से बच्चों को सुरक्षित जगह पर ले जाने की बात कही. एसडीएम के पहुंचने के बाद स्कूली बच्चों को बसों पर बिठा कर देर रात जंगल से बाहर निकाला जा सका. जंगल से बच्चों के निकल जाने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली. चूंकि कतरनीयाघाट जंगल बेहद खतरनाक जंगल है. जहां पर बाघ, चीता और जंगली हाथियों का जमावड़ा है. इसी बीच 155 लोगों के फंसे होने की बात सुनकर प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे.