भिंड में नेत्र शिविर, ग्वालियर में हुआ ऑपरेशन, गांव लौटते ही 6 लोगों के उड़े होश, मरीज बोले- सब अंधेरा दिख रहा है
मध्य प्रदेश के भिंड जिले के गोरमी इलाके के कृपया के पूरा गांव में 9 दिसंबर को नेत्र शिविर का आयोजन किया गया था. इस शिविर में ग्रामीणों ने जांच कराई तो मोतियाबिंद बताया गया.
फिर ग्वालियर के कालर अस्पताल में 6 बुजुर्गों का ऑपरेशन किया गया. इसके बाद ग्रामीण गांव लौट गए. फिर जब ग्रामीणों ने आंखों खोली तो उनके पैरों तले जमीन खीसक गई. उनका कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. सभी की आंखों की रोशनी चली गई थी. अब नेत्र शिविर में पहुंचे आधा दर्जन लोगों ने डॉक्टर पर गलत ऑपरेशन करने का गंभीर आरोप लगाया है.
अब पीड़ित लोगों ने इस पूरे मामले की शिकायत तहसीलदार मनीष दुबे से की है. मरीजों ने आरोप लगाया है कि जिस आंख का ऑपरेशन करना था उसकी जगह दूसरी आंख का ऑपरेशन कर दिया गया है. एक साथ करीब 6 लोगों की आंखों की रोशनी चली जाने के बाद जिले के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया है. सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार इतने मरीजों के लिए नेत्र शिविर किसके आदेश पर लगाया गया था.
ग्वालियर में हुआ ऑपरेशन
नेत्र शिविर में जांच के बाद ग्रामीणों को पहले मोतियाबिंद बताया गया था. फिर उसी दिन ग्वालियर के कालरा हॉस्पिटल में लाकर 6 बुजुर्गों के आंखों का ऑपरेशन कर दिया गया. गांव लौटने के बाद जब ग्रामीणों ने आंख खोली तो उन्हें दिखना ही बंद हो गया. इसके बाद बुधवार को चपरा गांव के रहने वालेचिरोंजी लाल सखवार, भागीरथ सखवार, चुन्नी बाई और राजवीर ने गोरमी तहसील में इस मामले की शिकायत की. सभी ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन के बाद उनकी आंखों की रोशनी चली गई है. एक मरीज का कहना है कि जिस आंख में समस्या थी उसकी बजाए दूसरी आंख का ऑपरेशन कर दिया. अब उसकी दोनों आंखों से दिखाना बंद हो गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक एक वेलफेयर सोसाइटी ने 9 दिसंबर को कृपे का पुरा गांव में नेत्र शिविर लगाया था. इसमें ग्वालियर के कालरा हॉस्पिटल की टीम पहुंची थी. टीम ने जांच के बाद कुछ ग्रामीणों की आंख में मोतियाबिंद पाए जाने पर बात कही, फिर अलग-अलग गाड़ियों से उन्हें ग्वालियर लाया गया था. यहां कालरा अस्पताल में डॉक्टर रोहित कालरा ने उनका ऑपरेशन किया था. ऑपरेशन के बाद इन ग्रामीणों से किराया लेकर वापस उन्हें गांव छोड़ दिया गया था. जब इन लोगों की आंखों की रोशनी चली गई, तो फिर ये ग्वालियर वापस आए. सभी ने अस्पताल प्रबंधन को दिखाया लेकिन अस्पताल ने फीस लेकर भी ठीक ठाक जवाब नहीं दिया. अब ग्वालियर के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भिंड सीएमएचओ से जानकारी लेंगे. शिकायत मिलने के बाद अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.