भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच की दोस्ती तो जगजाहिर है. भारत के इसी मित्र देश की किस्मत चमक गई है, वहां इतना बड़ा खजाना मिला है कि अमेरिका को यकीन ही नहीं हो रहा है.वहीं, चीन के पसीने छूट गए हैं. ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने दुनिया के सबसे बड़े लोहे के भंडार की खोज का दावा किया है, जिसकी अनुमानित कीमत लगभग 6 ट्रिलियन डॉलर है. लोहे के अलावा ऑस्ट्रेलिया में यूरेनियम का भंडार मिलने की भी संभावनाएं हैं. इस भंडार के मिलने के ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका चीन के लिए क्या मायने हैं, आइए जानने की कोशिश करते हैं.
ऑस्ट्रेलिया में मिला लोहे का सबसे बड़ा भंडार
ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने जो लोहे का भंडार खोजा है, वो साधारण नहीं है. इसे दुनिया का सबसे बड़ा लोहे का भंडार कहा जा रहा. ऑस्ट्रेलिया के लिए इस लोहे के इस विशाल भंडार का मिलना, उसके हाथ जबरदस्त जैकपॉट लगने जैसा है. यह ऑस्ट्रेलिया की इकोनॉमी को एक नए स्तर पर ले जाएगा. साथ ही उसे खनिज पदार्थों के क्षेत्र में अग्रणी ताकत बना सकता है. इतना ही ऑस्ट्रेलिया आने वाले समय में दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में सबसे पछाड़ भी सकता है.
खोज के अमेरिका-चीन के लिए क्या मायने?
ऑस्ट्रेलिया में लोहे खनिज का इतना बड़ा भंडार मिलने को लेकर अमेरिका तो यकीन ही नहीं हो रहा है. इस खनिज को बेचकर ऑस्ट्रेलिया आर्थिक मोर्चे पर अमेरिका के लिए चुनौती बनकर उभर सकता है. ये भी हो सकता है कि ग्लोबल लेवल पर लोहे खनिज पदार्थों की आपूर्ति की तस्वीर पूरी तरह से बदल सकती है. इसलिए ऑस्ट्रेलिया में मिले लोहे के विशाल भंडार ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. कहा तो यहां तक जा रहा है कि ये भंडार आने वाले दिनों में ग्लोबल पावर बैलेंस को बदल सकती है.
तो अमेरिका-चीन को पछाड़ देगा ऑस्ट्रेलिया
लोहे का ये भंडार ऑस्ट्रेलिया की इकोनॉमी को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा. चीन अमेरिका जैसे बड़े देश भी उससे पीछे छूट सकते हैं. चीन पहले ही ऑस्ट्रेलिया से आयात पर निर्भर है. यह नई खोज उसे अधिक निर्भर बना सकती है. लोहे के अलावा ऑस्ट्रेलिया में यूरेनियम का भंडार मिलने की संभावनाएं जताई जा रही हैं. यूरेनियम परमाणु ऊर्जा हथियारों को बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. दुनिया के हर देश को इसकी जरूरत रहती है. इससे ही समझा जा सकता है कि ऑस्ट्रेलिया में मिले इस भंडार के कितने अहम मायने हैं.
भारत को ऑस्ट्रेलिया से दोस्ती का मिलेगा लाभ
भारत ऑस्ट्रेलिया के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं. अगर भारत इन खनिजों का लाभ उठाना चाहता है, तो उसे ऑस्ट्रेलिया के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना होगा. ऑस्ट्रेलिया भारत को उभरती हुई सुपर पावर मानता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ (Anthony Albanese) के बीच अच्छी दोस्ती है. ऑस्ट्रेलिया को 6 ट्रिलियन डॉलर की ये खोज भविष्य की आर्थिक शक्ति बना सकती है. उम्मीदें जताई जा रही हैं कि भारत को ऑस्ट्रेलिया के साथ अपनी दोस्ती का फायदा मिलेगा.