एक देश एक चुनाव को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज यानी गुरुवार को ‘एक देश एक चुनाव’ विधेयक को मंजूरी दे दी है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार संसद के मौजूदा शीतकालीन सत्र में इस संबंध में एक व्यापक विधेयक ला सकती है। एक देश एक चुनाव पर यह ताजा घटनाक्रम ऐसे समय में आया है जब बुधवार को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘एक देश एक चुनाव’ का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा था कि बार-बार चुनाव देश की प्रगति में बाधा बन रहे हैं।
कब संसद में पेश होगा विधेयक?
सूत्रों के मुताबिक सरकार बहुत जल्द इस विधेयक को संसद में पेश करेगी। इसके बाद इस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। सूत्रों की मानें तो सरकार ने तय किया है कि इसे एक व्यापक विधेयक के तौर पर पेश किया जाएगा। इसके लिए सभी दलों की राय भी जरूरी होगी, क्योंकि यह एक बड़ा बदलाव होगा। इसलिए इसे पहले संसद की संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जा सकता है। इसके बाद इसे राज्य विधानसभाओं से पारित कराना होगा। यह एक संविधान संशोधन विधेयक होगा। इसमें कम से कम 50 फीसदी राज्यों का समर्थन जरूरी होगा।
बनाई गई थी समिति
अनुच्छेद 327 में संशोधन कर इसमें ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ शब्द को शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में एक राष्ट्र एक चुनाव को लेकर एक समिति बनाई गई थी। समिति ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मार्च में अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी थीं। केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले ही इन सिफारिशों को स्वीकार कर लिया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट में सिर्फ 2 चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश की है। सिफारिश के मुताबिक पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं, जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जाएं।