अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि पाकिस्तान लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल विकसित कर रहा है और इसकी मारक क्षमता दक्षिण एशिया से बाहर अमेरिका तक हो सकती है.
अमेरिका कभी पाकिस्तान का करीबी सहयोगी हुआ करता था और अब उसी अमेरिका ने पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर आपत्ति जताई है. पाकिस्तान ने हाल ही में जर्रार-3 नामक बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है जो 7000 किलोमीटर तक परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है.
क्या करना चाहता है पाकिस्तानअमेरिका के उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर ने कहा कि पाकिस्तान जो कर रहा है, उससे सवाल खड़ा होता है कि बैलिस्टिक मिसालइ कार्यक्रम के पीछे उसका लक्ष्य क्या है.
यह अमेरिका के लिए खतरे से ज्यादा और कुछ भी नहीं
फाइन ने थिंक टैंक कार्नेगी एन्डाउमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस ऑडिएंस में कहा, ‘पाकिस्तान की परमाणु गतिविधियां को अमेरिका के लिए उभरते खतरे के अलावा और किसी रूप में नहीं देखा जा सकता है. पाकिस्तान ने आधुनिक तकनीक से लैस मिसाइलें विकसित की हैं.’
फाइजर ने कहा कि पाकिस्तान ने लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल प्राणालियों से लेकर ऐसे उपकरणों तक बेहद मजबूत मिसाइल सिस्टम विकसित किया है जो काफी बड़े रॉकेट मोटर्स के परीक्षण करने में सक्षम होंगे. उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान लगातार ऐसा करता रहा तो उसके पास दक्षिण एशिया से परे संयुक्त राज्य अमेरिका सहित लक्ष्यों पर हमला करने की क्षमता होगी.
यह खुलासा वाशिंगटन द्वारा पाकिस्तान के मिसाइल कार्यक्रम पर नए प्रतिबंध लगाए जाने के तुरंत बाद हुआ है. इन प्रतिबंधों में पाकिस्तान के सरकारी नेशनल डेवलपमेंट कॉम्प्लेक्स के साथ कराची स्थित तीन निजी कंपनियों को भी निशाना बनाया गया है जिन पर मिसाइल विकास का समर्थन करने का आरोप है.
क्या बोला पाकिस्तान
हालांकि इस्लामाबाद ने अमेरिकी चिंताओं को खारिज करते हुए कहा कि उसका मिसाइल कार्यक्रम पूरी तरह से रक्षात्मक है और इसका उद्देश्य भारत का मुकाबला करना है.