इन दिनों संसद में कार्यवाही कम हो रही है और विवाद ज्यादा हो रहे हैं। इसी कड़ी में आज (19 दिसंबर) को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर सदन में जमकर हल्ला हुआ।
इसी बवाल को लेकर संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच धक्का-मुक्की हुई। इस धक्का मुक्की में बीजेपी में दो सांसद घायल हो गए हैं। घायल सांसदों का ICU में इलाज चल रहा है। कांग्रेस और पुरा विपक्ष बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मुद्दे को लेकर बीजेपी और अमित शाह पर हमलावर हो गई है। लेकिन इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस के बड़े नेता ही पार्टी के काम से खुश नहीं है। यहां हम कांग्रेस सांसद शशि थरूर की बात कर रहे हैं। गुरुवार को संसद में एनडीए और इंडिया ब्लॉक के सांसदों के बीच गतिरोध को लेकर शशि थरूर ने कहा कि दुर्भाग्य से अंबेडकर की विरासत और संविधान खुद ही एक युद्ध का मैदान बन गए हैं।
संविधान बना राजनीतिक युद्ध का मैदान’
संसद में हुई धक्का मुक्की को लेकर शशि थरूर ने कहा, “दुर्भाग्य से बाबा साहब अंबेडकर की विरासत और संविधान खुद ही एक राजनीतिक युद्ध का मैदान बन गए हैं। यह दोनों तरफ से थोड़ा बेतुका हो रहा है। हमें आज और कल की समस्याओं पर आगे बढ़ने की जरूरत है। इस मुद्दे पर विपक्ष एकजुट है। अगर वास्तव में वीडियो सही नहीं है तो उन्हें (बीजेपी) सही वीडियो (केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में भाषण का) पेश करना चाहिए।
बीजेपी सांसदों ने राहुल गांधी के साथ की धक्का-मुक्की
धक्का-मुक्की को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। बीजेपी के बाद कांग्रेस के कुछ सांसदों ने बृहस्पतिवार को बीजेपी के तीन सांसदो नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ धक्का-मुक्की का आरोप लगाते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। पार्टी ने इसे सिर्फ कांग्रेस नेता की गरिमा पर हमला है, बल्कि संसद की लोकतांत्रिक भावना के विपरीत भी है। कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से आग्रह किया कि इस मामले में वह उचित कार्रवाई करने का आग्रह किया है। पत्र पर कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, निचले सदन में मुख्य सचेतक कोडिकुनिल सुरेश, सचेतक मणिकम टैगोर तथा कुछ अन्य सदस्यों के हस्ताक्षर हैं। जानकारी के मुताबिक पत्र में बीजेपी के उन सांसदों के नामों का उल्लेख नहीं है।