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सोनिया गांधी-सोरोस संबंधों को लेकर वरिष्ठ वकील का कांग्रेस पर हमला, UAPA लगाने की कर दी मांग

सोरोस और अडाणी विवाद पर कांग्रेस बनाम भाजपा

बीजेपी ने लगातार आरोप लगा रही है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन से है। इस मामले में पिछले दिनों में संसद में भी हंगामा देखने को मिला।

इस बीच वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधा है।

वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबा लेख लिखा और कहा कि फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स-एशिया पैसिफिक (FDL-AP) की सोनिया गांधी की सह-अध्यक्षता न केवल जॉर्ज सोरोस के साथ उनके संबंधों को स्थापित करती है, क्योंकि फोरम को जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा भारी मात्रा में वित्तपोषित किया जाता है, बल्कि फोरम द्वारा कश्मीर की स्वतंत्रता की सार्वजनिक वकालत के मद्देनजर UAPA के तहत उन पर गंभीर आपराधिक आरोप भी लगाए जा सकते हैं।

क्या बोले महेश जेठमलानी

वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कांग्रेस और गांधी परिवार पर निशाना साधा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स (एशिया प्रशांत) की सोनिया गांधी की सह-अध्यक्षता न केवल जॉर्ज सोरोस के साथ उनके संबंधों को स्थापित करती है, क्योंकि फोरम को जॉर्ज सोरोस फाउंडेशन द्वारा भारी मात्रा में वित्त पोषित किया जाता है, बल्कि फोरम द्वारा कश्मीर की आजादी की सार्वजनिक वकालत के मद्देनजर यूएपीए (आतंकवाद विरोधी कानून) के तहत उन पर गंभीर आपराधिक आरोप भी लगाए जाने का खतरा है।”

आगे उन्होंने इस पोस्ट में लिखा, “भाजपा ने सोनिया-सोरोस के अपवित्र गठजोड़ और फोरम के कश्मीर को लेकर भयावह उद्देश्य को उजागर कर दिया है। अलगाववाद को बढ़ावा देना यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम) के तहत एक गंभीर अपराध है और राष्ट्रीय जांच एजेंसी को एफआईआर दर्ज करनी चाहिए।”

उन्होंने आगे लिखा, “हालांकि, भारत की अखंडता एक ऐसा गंभीर मामला है जिसकी जांच या सुनवाई में देरी नहीं की जा सकती। सोनिया गांधी की एक विदेशी दखलंदाज के साथ मिलकर राष्ट्रविरोधी गतिविधियां, जो अपने स्वयं के लाभ के लिए बहुत महत्वाकांक्षी हैं। ऐसे में कानून के सख्त हाथ से निपटा जाना चाहिए।”

सोरोस और अडाणी विवाद पर कांग्रेस बनाम भाजपा

इस समय सोरोस और अडाणी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने सामने हैं। राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने अडानी मुद्दे को इस संसद सत्र के लिए अपनी कार्ययोजना का आधार बनाया, जिसका भाजपा ने विरोध किया और ओसीसीआरपी या संगठित अपराध और भ्रष्टाचार रिपोर्टिंग परियोजना जॉर्ज सोरोस और अमेरिकी सरकार के बीच संबंधों पर एक फ्रांसीसी रिपोर्ट को उठाया। बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ओसीसीआरपी रिपोर्टों का उपयोग भारत और उसके व्यापारिक हितों को बदनाम करने के लिए करती है।

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