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बांग्लादेश में काली माता का सिर धड़ से उड़ाया, मंदिर में घुसकर लूटपाट; हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को किया छिन्न-भिन्न: जमालपुर के एसपी बोले- हमलावरों का अब तक सुराग नहीं

मंदिर में घुसकर लूटपाट

हमलावरों ने मंदिर में घुस कर देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोडा और उनके सिरों को काट लिया। जाते-जाते उन्होंने मंदिर में लूटपाट भी की

बांग्लादेश में हिन्दू आस्थाओं पर हमले थमने का नाम नहीं ले रहे।

शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से हिन्दू मंदिरों और आस्थाओं पर लगातार हमले हो रहे हैं। ताजा घटना जमालपुर जिले के सरिसाबाड़ी उपजिला के कामराबाद यूनियन स्थित महाश्मशान काली मंदिर की है। यहाँ शुक्रवार (13 दिसंबर 2024) को कुछ अराजक तत्वों ने मंदिर को निशाना बनाया और मंदिर में घुसकर मूर्तियों को खंडित करने के साथ गहनों की लूटपाट की।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना सरिसाबाड़ी उपजिला में आने वाले कामराबाद यूनियन की है। यहाँ महाश्मशान काली मंदिर स्थानीय हिन्दुओं की आस्था का केंद्र रहा है। गुरुवार-शुक्रवार की रात इसमें कुछ अराजक तत्वों ने घुस कर तोड़फोड़ की। मंदिर में विधि-विधान से स्थापित 7 मूर्तियों में तोड़फोड़ की गई। काली माता की प्रतिमा का सिर धड़ से अलग कर दिया गया।

जाते-जाते हमलावर मूर्तियों के श्रृंगार के लिए चढ़ाए गए आभूषण भी लूट लिए। शुक्रवार सुबह मंदिर के अध्यक्ष उत्तम कुमार तिवारी मंदिर पहुँचे तो उन्हें इस करतूत की जानकारी हुई। उत्तम कुमार के मुताबिक उनको नहीं पता कि यह हरकत किसकी है, लेकिन घटना के पीछे जो कोई भी हो उसे खोज कर सजा दी जाए। मंदिर प्रबंधन की शिकायत के बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुँची।

हिंसा प्रभावित मंदिर के वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि मंदिर पूरी तरह से अस्तव्यस्त है। तोड़फोड़ के बाद मूर्तियों को जमीन में पटक दिया गया है। अधिकतर प्रतिमाओं के सिरों को काट लिया गया है। कईयों के हाथों और पैरों को भी शरीर से अलग कर दिया गया है।जमालपुर के एडिशनल एसपी सुहैल महमूद ने बताया कि पुलिस मामले की गंभीरता से जाँच कर रही है। हिन्दू समुदाय में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है, लेकिन अभी तक हमलावरों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है। यही वजह है कि अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है।

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