
मौजूदा समय में संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, जो 25 नवंबर से शुरू हुआ और 20 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के 16वें दिन, यानी सोमवार(16 दिसंबर) को, राज्यसभा में संविधान पर दो दिवसीय चर्चा का आगाज हुआ।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस चर्चा की शुरुआत की। विपक्ष की ओर से राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी बात रखेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मंगलवार को इस चर्चा में हिस्सा लेंगे। संविधान की अहमियत पर चर्चा को लेकर यह सत्र बेहद अहम माना जा रहा है।
देश की पहली अंतरिम सरकार ने ही संविधान में संसोधन किया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने 1950 में आरएसएस की संगठनात्मक पत्रिका “ऑर्गनाइजर” और कम्युनिस्ट पत्रिका “क्रॉस रोड्स” के पक्ष में फैसला सुनाया था। लेकिन (तत्कालीन) अंतरिम सरकार ने इसके बाद संविधान में संशोधन कर दिया। देश की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया था। भारत, एक लोकतांत्रिक देश है, यह आज भी अपनी अभिव्यक्ति की आजादी पर गर्व करता है। देश की पहली अंतरिम सरकार ने ही संविधान में संशोधन किया जिसका मकसद भारतीयों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाना था।’
संविधान पर बहस के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस को घेरा
बता दें कि कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी ने पहले संविधान पर चर्चा की मांग की थी। इसके बाद, 13 और 14 दिसंबर को लोकसभा में भी संविधान पर विशेष चर्चा हो चुकी है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा संविधान का दुरुपयोग किया और उसके इतिहास में संविधान को 75 बार संशोधित किया गया। मोदी का यह बयान कांग्रेस के लिए चुटकी लेने वाला था, जो पार्टी पर संविधान के साथ खेल खेलने के आरोपों को लेकर चर्चा में रहा।
राज्यसभा में 6 नए सांसदों ने ली शपथ
संसद के इस सत्र के दौरान राज्यसभा में छह निर्विरोध चुने गए सांसदों ने शपथ ली। ये सांसद विभिन्न दलों से हैं, जिनमें टीएमसी से रीताब्रत बनर्जी (पश्चिम बंगाल), भाजपा से रेखा शर्मा (हरियाणा), भाजपा से सुजीत कुमार (ओडिशा), टीडीपी से सतीश बाबू (आंध्र प्रदेश), टीडीपी से बी मस्तान राव यादव (आंध्र प्रदेश), और भाजपा से आर कृष्णैया (आंध्र प्रदेश) शामिल हैं। इन नए सांसदों के शपथ ग्रहण से राज्यसभा में नए चेहरों की एंट्री हुई है, जो आने वाले समय में संविधान पर और अन्य मुद्दों पर चर्चा में भाग लेंगे।
लोकसभा में एक देश-एक चुनाव बिल नहीं होगा पेश
जहां एक ओर राज्यसभा में संविधान पर चर्चा हो रही है, वहीं लोकसभा में एक देश-एक चुनाव बिल को पेश नहीं किया जाएगा। यह बिल पहले 13 और 14 दिसंबर को पेश होने वाला था, लेकिन अब इसे संशोधित कार्यसूची से हटा दिया गया है। इसके बजाय, इसे मंगलवार को पेश किया जा सकता है। यह बिल भारतीय लोकतंत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था, क्योंकि इसमें एक साथ आम चुनाव कराने का प्रस्ताव था। इस बिल की अनदेखी ने सभी की नजरें अब मंगलवार पर टिका दी हैं, जब इस पर अगला कदम उठाया जाएगा।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का बयान
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने राज्यसभा में संविधान पर हो रही बहस को सकारात्मक बताते हुए कहा कि आज संविधान के सभी पहलुओं पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने जो सपना देखा था, उसे पंडित नेहरू ने हकीकत में बदला। लेकिन आज जिस तरह से संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है और दलितों, पिछड़ों पर अत्याचार हो रहे हैं, वह चिंताजनक है। तिवारी ने यह भी कहा कि संविधान ने जो अधिकार दलितों और पिछड़ों को दिए हैं, उनका सही तरीके से पालन नहीं हो रहा है, और इस पर गंभीर चर्चा की जरूरत है।