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बांग्लादेश के स्वतंत्रता सेनानी: वाह रे बांग्लादेश! जूतों की माला पहनाकर स्वतंत्रता सेनानी का ‘सम्मान’, अस्सी साल के बुजुर्ग को हाथ जोड़कर माफी मांगनी पड़ी!

और कितना नीचे गिरेगा? बांग्लादेश में एक के बाद एक घटनाएं यह सवाल बार-बार खड़ा कर रही हैं। जिस स्वतंत्रता सेनानी ने अपनी जान की बाजी लगाकर देश की आज़ादी के लिए संघर्ष किया, उसे ही ‘सम्मानित’ किया गया यूनुस गुट द्वारा।

स्वतंत्रता सेनानी को जूतों की माला पहनाकर अपमानित किया गया और पूरे इलाके में घुमाया गया। उन्हें इलाके के निवासियों से माफी मांगने के लिए मजबूर किया गया।

दिसंबर का महीना बांग्लादेश का विजय महीना है। कुछ ही दिन पहले, 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया गया। उसी महीने में एक स्वतंत्रता सेनानी के गले में जूतों की माला डाल दी गई। उन्हें हाथ जोड़कर सबके सामने माफी मांगनी पड़ी।

सोशल मीडिया पर स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल हाई कानू को अपमानित करने का वीडियो वायरल हो गया है। 1971 के बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई में ‘बीर प्रतीक’ का खिताब पाने वाले इस योद्धा को जूतों की माला पहनाकर सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। उन्हें इलाके के लोगों से हाथ जोड़कर माफी मांगने पर मजबूर किया गया।

जानकारी के अनुसार, कुमिल्ला के चौदद्ग्राम के निवासी अब्दुल हाई कानू के साथ यह बदसलूकी कुछ युवकों ने की। जूतों की माला पहनाने के बाद वे रुके नहीं। उन्हें कुमिल्ला छोड़ने की धमकी भी दी गई। उनका अपराध सिर्फ इतना था कि वे अवामी लीग का समर्थन करते थे।

इस अपमानजनक घटना के बाद वह स्वतंत्रता सेनानी टूट गए हैं। बांग्लादेश के एक समाचार माध्यम से बात करते हुए अब्दुल हाई कानू ने कहा, “अचानक मुझे अकेला पाकर उन्होंने जबरदस्ती जूतों की माला मेरे गले में डाल दी और वीडियो बनाया। मैं किसके पास न्याय मांगने जाऊं? मुकदमा करके भी क्या होगा? वे सब जमात की राजनीति करते हैं। मैंने अवामी लीग का समर्थन किया, लेकिन कभी उनका कोई नुकसान नहीं किया। उल्टा अवामी लीग के एमपी के गुस्से के कारण 8 साल तक इलाके से बाहर रहा।”

वीडियो वायरल होते ही इस घटना की निंदा की जा रही है। कई लोगों ने सवाल किया, “देश की स्वतंत्रता के लिए सशस्त्र संघर्ष करने वाले वीर योद्धाओं का ऐसा सम्मान देना शायद बाकी रह गया था।”

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