बिहार के सीएम नीतीश कुमार को लेकर एक बार फिर से सियासी गलियारे में कयासों का बाजार गर्म है. आरजेडी नेताओं की मानें तो नीतीश कुमार बीजेपी के साथ सहज महसूस नहीं कर रहे हैं. शायद सीएम पद को लेकर नीतीश कुमार और बीजेपी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.
बता दें कि बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में नीतीश कुमार 18 साल 100 दिन पूरे कर लिए हैं. ऐसे में नीतीश कुमार अगले छह साल का भी हिसाब-किताब भी बीजेपी के साथ ठीक-ठाक करना चाहते हैं. इस महीने के शुरुआत से ही राज्य की राजनीतिक गलियारे में नीतीश कुमार के एनडीए छोड़ने की चर्चा शुरू हो गई थी. हालांकि, समय-समय पर जेडीयू और बीजेपी नेता इसको नकारते रहे हैं. लेकिन, आरजेडी नेताओं का यह कहना कि समाजवादी सोच के लोग कभी भी एक हो सकते हैं. नीतीश कुमार महागठबंधन में आते हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा, इससे राजनीतिक तापमान में तेजी आई गई थी.
लेकिन, तेजस्वी यादव के ताजा बयानों से यह बात अब हवा लगने लग है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर तेजस्वी यादव ने इतने दिनों के बाद नीतीश कुमार को लेकर क्यों कहा कि चाचा के लिए दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो गए हैं? क्या नीतीश कैंप आरजेडी के संपर्क में था? क्या नीतीश कुमार का बीजेपी से मोहभंग हो गया? या फिर तेजस्वी यादव बिहार विधानसभा चुनाव को देखते हुए नीतीश कुमार को अपने पाले में करने के लिए अभी तक तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे थे?
क्या नीतीश कुमार फिर बदलेंगे पाला?
आपको बता दें कि बिहार की राजनीति में दिसंबर का महीना हाल के कुछ वर्षों में घटनाक्रमों से भरा रहा है. दिसंबर महीने में जब भी नीतीश कुमार के पाला बदलने की खबरें आती है, वह अभी तक 100 प्रतिशत सही साबित हुई है. दिसंबर का महीना किसी पार्टी के लिए शुभ साबित होता है तो किसी पार्टी और गठबंधन के लिए अशुभ. खासकर, साल 2014 के बाद से बिहार में एनडीए और महागठबंधन दोनों दिसंबर महीने के सर्द मौसम में राज्य की राजनीतिक तापमान में गर्मी लाते रहे हैं. पिछले साल इसी दिसंबर महीने में नीतीश कुमार के पाला बदलने की खबरें शुरू हो गई थी. नतीजा यह हुआ कि 28 जनवरी 2024 को एनडीए के साथ मिलकर नीतीश कुमार ने सरकार बना ली. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या नीतीश कुमार ने तेजस्वी यादव को पाला बदलने का सिग्नल दिया या फिर बिना सिग्नल दिए ही भतीजा तेजस्वी चाचा पर डोरे डालने लगा?
क्या सीएम की कुर्सी है वजह
पिछले कुछ दिनों खासकर बिहार विधानसभा की 4 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे आने के बाद से ही नीतीश कुमार के आव-भाव बदले हुए नजर आ रहे थे. नीतीश कुमार के प्रगति यात्रा के शुरुआती चरण में खासकर राज्य के दोनों डिप्टी सीएम की दूरी ने सबकुछ ठीक नहीं होने के अफवाह को हवा दिया. लेकिन, पश्चिम चंपारण में बीजेपी कोटे के दो मंत्री का शामिल होना तुरंत ही सारी अटकलों और अफवाहों को खत्म कर दिया.
जैसे ही डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी नीतीश कुमार के साथ प्रगति यात्रा में घूमने लगे. तेजस्वी यादव ने सोमवार को एक फिर से नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दे दिया. तेजस्वी यादव ने साफ तौर पर कह दिया, ‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए राजद के दरवाजे पूरी तरह बंद हैं. उनकी महागठबंधन में एंट्री नहीं होने वाली. तेजस्वी यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के साथ सरकार चलाना अब अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है. तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के सिर्फ चेहरे पर सरकार चल रही है, वह टायर्ड हो चुके हैं और रिटायर्ड अधिकारी सरकार चला रहे हैं.’